चाणक्य के 15 अनमोल वचन और नीतियां
चाणक्य (Chanakya) एक भारतीय शिक्षक, दार्शनिक, अर्थशास्त्री, न्यायिक और शाही सलाहकार थे। परंपरागत रूप से उसे कौटिल्य या विष्णुगुप्त के रूप में पहचाना जाता है। दो पुस्तकों का श्रेय चाणक्य को दिया जाता है: अर्थशास्त्र और चाणक्य नीति, जिसे चाणक्य नीती-शास्त्र भी कहा जाता है।अर्थशास्त्र में वित्तीय और वित्तीय नीतियां (monetary and fiscal policies), कल्याण (welfare), अंतर्राष्ट्रीय संबंध(, international relations) और युद्ध रणनीतियों (war strategies) की विस्तृत जानकारी है।
“कोई कार्य शुरू करने से पहले खुद से तीन प्रश्न कीजिये– मैं यह क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल हो जाऊंगा? जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जाएं, तभी आप आगे बढ़िये।”
“शिक्षा इंसान की सबसे अच्छी मित्र है। एक शिक्षित इंसान हर जगह सम्मान पाता है, शिक्षा सुन्दरता को भी पराजित कर सकती है।”
“एक बेवकूफ व्यक्ति के लिए पुस्तक उतनी ही उपयोगी होती है जितना दर्पण एक अंधे व्यक्ति के लिए उपयोगी है।”
“धन, मित्र, पत्नी और राज्य फिर से आ सकता है, लेकिन जब मान खोया जाता है तो फिर से कभी भी प्राप्त नहीं किया जा सकता है।”
“सांप अगर जहरीला नहीं है, तो भी उसे विषैला होने का नाटक करना चाहिए और जैसे ही भय करीब आये, तुरंत उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर देना चाहिए।”
“फूलों की सुगंध केवल हवा की दिशा में फैलती है लेकिन एक इंसान की अच्छाई चारों दिशाओं में फैलती है।”
“जीवन में सफलता पाने के लिए बोली की पवित्रता, मन और इंद्रियों पर काबू और करुणामय दिल होने की आवश्यकता होती है।”
“हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए; विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं।”
“सबसे बड़ा गुरु मन्त्र है कि कभी भी अपने राज दूसरों को मत बताएं। यह आपको बर्वाद कर देगा।”
“इतिहास गवाह है की नुकसान हमें दुर्जनों की दुर्जनता से नहीं हुआ, उससे ज्यादा सज्जनों की निष्क्रियता से हुआ है।”
“ऋण, शत्रु और रोग को समाप्त कर देना चाहिए।”
“मनुष्य की वाणी ही विष और अमृत की खान है।”
“शिक्षा ही एक ऐसी संपत्ति है जिसे आपसे कोई चुरा नही सकता. इसीलिए आपके पास जितना भी ज्ञान है उस पर गर्व करें। साथ ही हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश करे और अपना ज्ञान बढ़ाये।”
“व्यक्ति अकेले ही पैदा होता है और अकेले ही मर जाता है और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मो का फल खुद ही भुगतता है और वह अकेले ही नरक या स्वर्ग जाता है।”“कोई भी व्यक्ति अपने कार्यो से महान होता है, अपने जन्म से नहीं।”
चाणक्य नीती सूक्तियों का संग्रह है, जिसे विभिन्न शास्त्राओं से चाणक्य द्वारा चुना गया था और आसान भाषा में लोगों के लिए बताया था चाणक्य नीती में कौटिल्य द्वारा दी गयीं शिक्षाएं आज कल के दौर में भी प्रासंगिक हैं। इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि चाणक्य नीति (chanakya niti) आज भी सबसे ज्यादा पढ़ी जाती है। इन सूक्तियों का पालन कर हम सब अपने जीवन में आने वाली समस्यायों का समाधान ढून्ढ कर सफल बन सकते हैं ।
नई दिल्ली में राजनयिक एन्क्लेव का नाम चाणक्यपुरी है जो चाणक्य के सम्मान में है। उसके बाद नामित संस्थानों में प्रशिक्षण शिल्प चाणक्य, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और चाणक्य लोक नेतृत्व संस्थान शामिल हैं। मैसूर के चाणक्य सर्कल का नाम उसके नाम पर है ।
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